भगवान ने इस सृष्टि रूपी वृक्ष की तुलना एक उल्टे वृक्ष से की है क्योंकि अन्य वृक्षों के बीज तो पृथ्वी के अंदर बोये जाते है और
वृक्ष ऊपर को उगते है परन्तु मनुष्य-सृष्टि रूपी वृक्ष के जो अविनाशी और चेतन बीज स्वरूप परमपिता परमात्मा शिव है, वह
स्वयं ऊपर परमधाम अथवा ब्रह्मलोक में निवास करते है ।
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